अपने लिए भी समय निकालिए।

 जय हिंद दोस्तो



जैसा कि आप सभी जानते हैं कि जीवन एक रेस कि तरह हो चुका है, और इस रेस में हमने अपने आप को समय देना बिल्कुल ही बंद कर दिया है। आमतौर पर हमारा डेली का रूटीन समान ही होगा। अगर आप देखेंगे तो रोज सुबह उठते हैं, और उठने के बाद वही- नहाना धोना फिर वही ब्रेकफास्ट करना, यदि ऑफिस जाना है तो ऑफिस जाना या फिर जो काम हमें करना है वह करना। क्या आपको नहीं लगता कि जिंदगी बिल्कुल फिक्स हो गई है। अगर आप कोई काम कर रहे हो , जैसे पढ़ाई है यह भी एक रेस की तरह चल रही है , आप खुद देखिए जब हम कभी बाहर घूमने-टहलने भी जाते हैं तो भी मन में घर की बातें रहती हैं , ऑफिस की चीजें होती हैं इत्यादि। आप कभी अपने काम से छुट्टी भी लेते हैं तो भी आप किसी काम के लिए ही छुट्टी लेते हैं जैसे आप किसी से मिलने जा रहे तो वह अपने दोस्त से मिलने जा रहे हैं ना कि अपने आप से। यानी 99% की हमारी जिंदगी दूसरों के लिए हो गई है और यही हमारी समस्याओ का सबसे बड़ा कारण है हम अपने लिए समय बिल्कुल नहीं निकालते। अगर कहीं बाहर घूमने टहलने जाना है तो हम लोगो के साथ जाते हैं , कभी अकेले नहीं जाते कि खुद से हम रूबरू हो सकें। तो जिंदगी केवल तेजी से दौड़ रही है जहां पर कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है , जिससे स्पीड थोड़ी कम हो , बस भाग रही है। आज आपके पास ₹10 हैं तो कल आपको ₹100 चाहिए , आज आपने एक किताब पढ़ ली है तो कल दूसरी तैयार रखी है जीवन में सिर्फ तनाव और भागदौड़ है। 

क्या यह जीवन है? क्या आप अपना पूरा जीवन इसी तरह जीना चाहते हैं? मुझे ऐसा नहीं लगता कि यह जिंदगी है जहां पर हमारे पास हमें छोड़कर बाकी सब के लिए समय है। हमें जरूरत है कि हम अपने आप के लिए कुछ समय निकालें। 5 मिनट , 10 मिनट , 30 मिनट या आप अपने लिए जितना समय निकाल सकते हैं निकालिए। जो अपने लिए हो , अपने बारे में सोचने के लिए हो , जिसमें आप खुद को जान पाएं , अपनी स्वयं की समस्याओं को जान कर उनका हल निकाल सके तथा जिसमें कोई दूसरा मौजूद ना हो। क्योंकि आज के समय में हम खुद से ज्यादा दूसरों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। जैसे :- यदि आप परिवार में किसी से बात करेंगे तो वह भी आपसे दूसरों की समस्याओं को लेकर ही बात करेंगे।



 तो मैं आपसे सिर्फ एक गुजारिश करूंगा कि आप एक टाइम बनाइए सिर्फ अपने लिए , अपने आप को बेहतर बनाने के लिए , रोज अपने आप का विश्लेषण कीजिए तथा खुद से ही खुद की रिपोर्टिंग कीजिए कीजिए कि आप ने आज क्या किया और कल आपको क्या करना है। बस इतना आप तय कर ले तो आपका जीवन बिल्कुल आसान हो जाएगा पुलिस टॉप बाकी सब तो जीवन में चलता ही रहेगा क्योंकि जब आप कक्षा एक में थे तो दो में जाने की चिंता थी फिर 2 से 3 में जाने की चिंता थी तो यह सब मोह माया है यह फसाना जिंदगी भर चलता रहेगा। अभी जो UPSC की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो उन्हें पहले प्री की परीक्षा की टेंशन रहेगी जब प्री निकल जाएगा तो उन्हे मेंस दिखने लगेगा और जब मेंस में पास होंगे तो उन्हें मेरिट लिस्ट नजर आने लगेगी तो ये सब चलता ही रहेगा। लेकिन आप थोड़ा टाइम अपने लिए भी निकालिए। अभी आप दिन भर में खाना खाते  है , सांस लेते है , मोबाइल चलते है , सोते हैं , तो आप 10:15 मिनट खुद के लिए भी निकाल सकते हैं। अभी आप UPSC के लिए समय निकाल रहे हैं , किसी और के लिए नहीं।आप पढ़ने के लिए बैठे हो तो अपने लिए नहीं बल्कि यह सोच कर बैठे हो कि कल के दिन एक अच्छे पोस्ट पर नौकरी मिलेगी तो वहां मेहनत करेंगे। ध्यान रखिए कि कागज के नोटों से आपकी पहचान नहीं है आपकी पहचान आपके व्यक्तित्व से है। तो थोड़ा सा अपने अंदर झांकिए और अपने अंदर काम कीजिए। अगर आप ऐसा करने लगे तो अपने आप ही आपके अंदर आपके व्यक्तित्व का विकास होता चला जाएगा आप अपनी लाइफ को कंट्रोल करना सीख जाओगे , नहीं तो आज कल हो रहा है कि लोग तनाव में है उनमें चिड़चिड़ापन है। क्या आपको पता है कि आपका दिमाग धीरे-धीरे सड़ रहा है। क्योंकि हम रोज नए नए विचार मन में लाते हैं लेकिन कभी उन पर अमल नहीं करते जिससे कि वह दिमाग में इकट्ठा होकर सड़ने लगते हैं , हम उन्हे बाहर निकालने कि नहीं सोचते और यही कारण है कि आज आपके अंदर छल आ चुका है , झूठ आ चुका है , ईर्ष्या आ चुकी है एक दूसरे को मारने पर उतारू है , बात-बात पर गुस्सा आने लगता है , क्योंकि हमारे अंदर सयम नहीं है। हमारी आधुनिक शिक्षा पद्धति ने हमें यह नहीं सिखाया। हमारी आधुनिक शिक्षा पद्धति ने हमें सिर्फ भागना सिखाया है कि "भागो वरना पीछे छूट जाओगे"।  इसीलिए हमें खुद ही इस नैतिक मूल्य का निर्माण करना होगा जो कि खुद को समय देने से ही संभव है। कभी आप अपने आप से रूबरू हुए ही नहीं , अपने दिमाग को कभी देखा ही नहीं कि उसमें चल क्या रहा है। आपके इस दिमाग में बहुत क्षमता है बहुत ऊर्जा है लेकिन अगर आप इसे नहीं समझ पाए , और इसपर नियंत्रण नहीं कर पाए तो कहीं ऐसा ना हो कि आपका यही अस्त्र आपको मार दे। कई लोगों को आपने देखा होगा कि वह पढ़ाई छोड़ कर काम करने लगते हैं क्योंकि उन्हें पढ़ाई बहुत मुश्किल लगती है। और कई लोग काम छोड़ कर पढ़ाई शुरू कर देते हैं क्योंकि वह जानते है कि दुनिया का सबसे आसान काम पढ़ना है और जिसने अपने दिमाग पर काम नहीं किया उसके लिए मुश्किल है। तो अभी आपको तय करना है कि आप पढ़ाई को आसान बना कर चयन पाना चाहते हैं या जैसा चल रहा है वो ही ठीक है।

तो दोस्तों आशा करता हूं कि आपको यह समझ आया होगा और मैंने जो आपको समझाने का प्रयास किया है निश्चित तौर पर आप उसे समझेंगे और अपने जीवन में लाने का प्रयास करेंगे।

जय हिंद 🇮🇳

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