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अपने लिए भी समय निकालिए।

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 जय हिंद दोस्तो जैसा कि आप सभी जानते हैं कि जीवन एक रेस कि तरह हो चुका है, और इस रेस में हमने अपने आप को समय देना बिल्कुल ही बंद कर दिया है। आमतौर पर हमारा डेली का रूटीन समान ही होगा। अगर आप देखेंगे तो रोज सुबह उठते हैं, और उठने के बाद वही- नहाना धोना फिर वही ब्रेकफास्ट करना, यदि ऑफिस जाना है तो ऑफिस जाना या फिर जो काम हमें करना है वह करना। क्या आपको नहीं लगता कि जिंदगी बिल्कुल फिक्स हो गई है। अगर आप कोई काम कर रहे हो , जैसे पढ़ाई है यह भी एक रेस की तरह चल रही है , आप खुद देखिए जब हम कभी बाहर घूमने-टहलने भी जाते हैं तो भी मन में घर की बातें रहती हैं , ऑफिस की चीजें होती हैं इत्यादि। आप कभी अपने काम से छुट्टी भी लेते हैं तो भी आप किसी काम के लिए ही छुट्टी लेते हैं जैसे आप किसी से मिलने जा रहे तो वह अपने दोस्त से मिलने जा रहे हैं ना कि अपने आप से। यानी 99% की हमारी जिंदगी दूसरों के लिए हो गई है और यही हमारी समस्याओ का सबसे बड़ा कारण है हम अपने लिए समय बिल्कुल नहीं निकालते। अगर कहीं बाहर घूमने टहलने जाना है तो हम लोगो के साथ जाते हैं , कभी अकेले नहीं जाते कि खुद से हम रूबरू हो सकें। तो जि

एक स्वस्थ दिनचर्या के मालिक बनिए (Healthy Daily Routine)

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जय हिंद दोस्तो आज कि हमारी चर्चा होगी आपकी दिनचर्या और आपलोगो के खान - पान पर। कि आपको क्या खान - पान रखना चाहिए, क्या दिनचर्या रखनी चाहिए। इससे  तीन चीजें होंगी:- * दिमाग हमेशा शांत रहेगा * दूसरा मन में कोई कुविचार नहीं आएंगे * आप दिन भर मेहनत करते हैं और मेहनत के बाद भी थकान नहीं आती             और यह तीन चीजें काफी जरूरी है यदि आप इन चीजों पर काम कर सके तो आप बहुत प्रोडक्टिविटी के साथ कोई भी काम कर सकते हैं और तैयारी कर सकते हैं। तो आज हमे इसी बात पर चर्चा करनी है कि हम कैसे एक स्वस्थ दिनचर्या जी सकते हैं और बहुत ही आसान भाषा में मैं आपको समझाने का प्रयास करूंगा।     *दिन की शुरुआत का पहला चरण* सबसे पहली बात कभी भी सुबह जगने का समय निर्धारित नहीं करना, यह निर्धारित मत करो कि आपको कितने बजे जगना है। इससे कुछ नहीं होता आप निर्धारित ही करते रह जाएंगे, लेकिन कभी जग नहीं पाएंगे और यह मैं आपको अपने अनुभव से बता रहा हूं और जब से मैंने इस पर काम करना शुरू किया है तो मुझे इसका लाभ भी मिला है। तो हमें उठने का समय के बजाय सोने का समय निर्धारित करना चाहिए। क्योंकि सोने के समय हम पूरे ह

हमेशा खुश रहने का सबसे आसान तरीका।

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  जय हिंद दोस्तों आज आपको मैं Personality Devlopment  मे एक सीख सीखाना चाहता हूं। जो आमतौर पर एक बड़ी समस्या है, जिससे सब परेशान है। मैं चाहता हूं कि उस पर बात कि जाए , और निश्चित तौर पर उम्मीद है कि आप इस बात कों समझेंगे।                 मैंने आपको कई बार इस बात को समझाने का प्रयास किया है की आपका जीवन स्पष्ट रूप से 3 हिस्सों में बटा हुआ है। इसमें से जो पहला हिस्सा है मैं उसी कि हमेशा बात करता हूं क्योंकि वही आपके जीवन के अन्य हिस्सो पर लागू होता है और वो है आपका व्यक्तिगत जीवन (Personal Life)। जिसमें आप एक इकाई के रूप में हो और अपने ऊपर काम करते हो जिसे व्यक्तिगत विकास (Personality Devlopment) कहा जाता है। तो आज आपको एक बहुत बड़ी सीख देने वाला हूं जो कि काम करेगा आपके सामाजिक जीवन (Social Life) और व्यावसायिक जीवन (Professional Life) में। इन दोनों में ही आपको अपने व्यक्तिगत जीवन का प्रतिबिंब (Reflection) दिखेगा जिससे कि आपको पता चलेगा की व्यक्तिगत जीवन का क्या महत्व होता है। और उन समस्याओं का समाधान भी होगा जिनसे आप जूझ रहे हैं। तो आज आपको में दो पहलू बताऊंगा जिसमें से एक नकारात्मक (

आलस्य का त्याग कैसे करें (How to give up laziness)

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आलस क्या होता है? जय हिंद दोस्तों          जैसा कि Title को देखकर आप समझ ही गए होंगे कि आज हम किस विषय के बारे में बात करने वाले हैं और यही विषय आपकी अधिकतर समस्याओं का समाधान भी है। जैसाकि आपने कई बार सुना होगा कि है हमारा सबसे बड़ा दुश्मन हम खुद ही हैं और यह बात काफी हद तक सच भी है , क्योंकि हम अपने ही कार्यों के बीच में आकर खड़े हो जाते हैं और यह बहाने करने लगता है कि आज मुझे नहीं पढ़ना, आज यह काम नहीं करना, मुझे आलस आ रहा है।  यदि आपको भी ऐसा होता है और आप भी चाहते कि आप इस समस्या से छुटकारा पाएं तो आपको पहले यह समझना होगा कि आखिर यह हमारे साथ होता क्यों है?                             तो आपको समझाने के लिए मैं आपको  एक आध्यात्मिक बात बताता हूं। हमारा शरीर दो भागों में बटा हुआ है। एक हिस्सा है शरीर जोकि बनता बिगड़ता रहता है , कभी आप कमजोर हो जाते हैं, कभी हष्ट - पुष्ट हो जाते हैं जो आपको दिखता है। दूसरी होती है आपकी चेतना जो कि आपके शरीर के अंदर का ही विषय होता है जो आपको यह बताती है कि क्या सही है और क्या गलत। चेतना और शरीर के मध्य हमेशा एक द्वंद चलता रहता है। शरीर को सिर्फ

व्यक्तित्व का विकास (Personality Devlopment)

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  जय हिंद दोस्तों          LIFE MANAGEMENT PROGRAMME   के तहत आज हम एक ऐसे विषय के बारे में चर्चा करेंगे जिस पर आपका पूरा जीवन आधारित है और वह है आपका व्यक्तित्व यानी कि आपकी सोच आपके विचार, आपके बोलने तरीका, आपके उठने-बैठने का ढंग इत्यादि।           यह काफी महत्वपूर्ण विषय इसीलिए बन जाता है क्योंकि यदि आप कहीं एक छोटी से छोटी या बड़ी से बड़ी जॉब के लिए भी जाते हैं तो पहले आपका इंटरव्यू लिया जाता है जिसका उद्देश्य होता है आपकी पर्सनेलिटी का टेस्ट करना जिससे कि पता चलता है कि आप उस काम की योग्य है या नहीं। आसान भाषा में समझा जाए तो "जैसा आपका व्यक्तित्व वैसा आपका जीवन "            तो दोस्तो आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते है कि आज का विषय आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है और इसलिए आज हम जानेंगे कि अपने व्यक्तित्व को बेहतर बनाकर अपने एक अच्छे भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। तो सबसे पहले हमें यह जानना होगा कि हमारे व्यक्तित्व का निर्माण कैसे होता है यानी कि आपके व्यक्तित्व के निर्धारक तत्व कौन कौन से हैं क्योंकि अगर आप के निर्धारक ही अच्छे हैं तो इसमें कोई भी दो राय नहीं है कि आप

How to live a happy life । एक सुखी जीवन कैसे जिएं।

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जय हिंद दोस्तो।               आज हम एक ऐसे विषय के बारे में बात करेंगे जिसको जानते हुए भी हम अनजान बन जाते हैं , और वह है हमारा जीवन। यानी की एक सुव्यवस्थित, सुखी, और एक सुलझा हुआ जीवन।  मै इस क्षेत्र के बारे में आपको इसलिए बताना चाहता हूं क्योंकि कि आजकल का जमाना डिजिटल और भागदौड़ भरा है जिसमें हम एक भाग दौड़ भरी जिंदगी जी रहे हैं। क्योंकि हम में से ज्यादातर  लोगों को यही नहीं पता कि हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है,  लोग बस एक उलझा हुआ जीवन  तनावग्रस्त रूप से जी रहे हैं , खासकर यह समस्या इस समय ज्यादातर छात्रों के साथ हो रही है क्योंकि छात्र जीवन हमारे Life का वह Stage है जहां पर एक बच्चे को अपनी शिक्षा के लिए परिवार द्वारा उस पर दबाव डाला जाता है और उसे उसके भविष्य के बारे में डराया जाता है, जिससे परेशान होकर बच्चा रोजगार की तलाश करता है और काम और पढ़ाई में संतुलन बनाने की कोशिश करता है, लेकिन यह हर किसी के सामर्थ्य में नहीं होता और जिससे कि कई बार भविष्य खराब होने की संभावना होने लगती है।  तो मेरा उद्देश्य बस इतना है कि मैं आप सभी को आसान भाषा में इन जीवन से संबंधित समस्याओं से छुटक

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